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17 May

लाखों की संख्या में लोग हर महीने मेट्रो सिटिज में ढेरों सपने के साथ उतरने हैं, खास करके उस लिस्ट में वो युवा आते हैं जो जस्ट अपनी पढाई पूरी करके सपनों को सच करने के लिए शहर आ जाते हैं, मुझे याद है मै भी आज से करीब १३ साल पहले अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके दिल्ली शहर में उतरा था, ढेरों सपने थे आखों में, लेकिन ये आखें बस मेरी नहीं थी मेरे परिवार वालों की भी थी.
और इस दुनिया में मै एक अकेला इन्सान नहीं हूँ जो सपने देखता है, मुझे पता है आपके परिवार वालों ने भी यही सपना देखा होगा.
लेकिन क्या हर कोई जो शहर आता है अपना करियर बना लेता है, ये एक बहुत बड़ा सवाल है, तो उत्तर है नहीं, हर कोई अपना करियर नहीं बना पाता है.
दूसरा सवाल हैकि क्या हर किसी का करियर बन सकता है? तो उत्तर है, जी हाँ हर कोई किसी न किसी फिल्ड में अपना करियर जरुर बना सकता है.

मैंने अपने अनुभव से कुछ वो बातें बताने जा रहा हूँ जो आपको एक अच भविष्य बनानें वाली जर्नी के दौरान नहीं करनी है, जी हाँ, यहाँ मै ये नहीं बताने जा रहा हूँ कि क्या करना है बल्कि ये बताने जा रहा हूँ कि क्या नहीं करना है , तो शुरू करते हैं –

1- युहीं शहर आ जाना – जी हाँ, पहले लोगों के पास इन्टरनेट नहीं था, आज तो हर हाथ में मोबाइल फ़ोन है और इन्टरनेट भी है, तो इससे पहले कि आप शहर का रुख करें, उसके बारे में जान लें कि शहर क्या है, कैसा है, कौन है वहाँ पर, कहाँ रहना है, कितना खर्च आता है रहने का, अगर आपको अकेले रहना पड़े तो क्या खर्च आएगा, इसके साथ ही जो जॉब आप करना चाहते हैं उसके बारे में जानकारी रख लें, आजकल नौकरी के पोर्टल्स उपलब्ध हैं वहां पानी प्रोफाइल बना कर जॉब अप्लाई करते रहें और उनकी जरूरतों को समझें.

2- बिना तैयारी के इंटरव्यू – इंटरव्यू एक अहम् प्रोसेस है किसी भी जॉब में जाने का, तो शहर आने से पहले उसकी प्रैक्टिस जरुर करें घर पर, तो आपका बहुत समय बच जायेगा और हो सकता है कि पहले महीने में ही जॉब भी लग जाये. आजकल हर गाँव या छोटे शहरों में इंग्लिश कोर्सेस और इंटरव्यू तैयारी के सेंटर्स खुलें हैं, वहां एडमिशन लेकर इसके बारें में समझा जा सकता है. साथ ही अपने किसी जानने वाले से बाते करें जो शहर में काम कर रहा है इससे आपको सही जानकारी मिल सकती है कि कंपनी में किस तरह से इंटरव्यू लिया जाता है.

3- नौकरी बदलने में जल्दीबाजी करना – आजकल लोगों में पेशेंस की बहुत कमी है, हमे सब कुछ बहुत जल्दी चाहिए, और उसके चक्कर में हम सीखना बंद कर देते हैं या बिना सीखे ही आगे बढ़ना चाहते है. मैंने बहुत से लोगों का करियर इस वजह से ख़राब होते देखा है, पहली जॉब में ज्यादा से ज्यादा फोकस आपका काम तथा शहर के तौर तरीके सीखने में होना चाहिए, कंपनी को अपना लॉन्चिंग पैड समझिये और सीखते रहिये, पहली जॉब में कम से कम 2 साल वक्त तो जरुर दीजिये, भरोसा कीजिये ये 2 साल आपको बाद में आगे बढ़ने में बहुत तेजी से मदद करेंगे, हाँ लेकिन यही अपने जल्दी जल्दी में जॉब बदलते रहे तो बाकी जॉब्स में आपको ग्रोथ नहीं मिलेगी आसानी से और स्टेबल न होने के वजह से जॉब मिलने में भी दिक्कत हो सकती है.

4- केवल खुद की दुनिया में सिमट जाना – मैंने बहुत से लोगों को देखा हैकि जॉब में आकर केवल जॉब के ही बनकर रह जाते हैं, शनिवार रविवार को आराम का दिन समझ लेते हैं, जी नहीं, बाहर निकलिए, इस दुनिया में ऐसा बहुत कुछ है जो हमने और आपने अभी पाना है वो तभी मिलेगा जब हम अपने दायरे से खुद को बाहर निकालेंगे. तो महीने में कम से कम 2 बार किसी भी इवेंट में चलें जाएँ, अगर वो इवेंट आपके मन माफिक है तो बहुत अच्छी बात है नहीं है तो भी क्या मिलेगा पूछने से पहले चले जाइये, मै दावा करता हूँकि कुछ न कुछ तो जरुर मिलेगा, आजकल हर वीकेंड पर फ्री इवेंट होते रहते हैं, स्टार्टअप्स तो लगभग हर हफ्ते मिल जायेंगे आपको, जाइये आपको एक नया नजरिया मिलेगा जाकर, नए दोस्त मिलेंगे, और आप बाकियों से अलग होते जायेंगे. ध्यान रखिये, इस दुनिया में आगे बढ़ने के लिए स्किल्स के साथ साथ नेटवर्क की भी जरुरत पड़ती है, आप खुद देखिये कुछ लोग ओ बहुत स्किल्ड हैं लेकिन कमजोर नेटवर्क के वजह से वहां नहीं पहुच पाते हैं जबकि वहीँ कुछ लोग अच्छे नेटवर्क में होने के वावजूद भी स्किल्स ना होने से उतने सफल नहीं हो पाते हैं जितना हो सकते थे.

5- हिम्मत हार जाना – मै अपने सेमिनार में अक्सर ये बोलता हूँ कि एक कोई जब छोटे शहर से बड़े शहर में आता है तो वो एक मिशन पर आता है और मिशन तब तक नहीं ख़तम होता जबतक आप उसे पूरा ना कर लें. जिंदगी में हार और जीत आती रहेगी लेकिन ये आपको तय करना पड़ेगा कि आप क्या चाहते हैं, तो जिद्दी बनिए, जीत के लिए जिद भी जरुरी है.

और आखिर में बस इतना ही, कि इस दुनिया में सफल होना इतना आसान होता तो हर दूसरा व्यक्ति सफल होता, सफलता उन्ही के हिस्से में आती है, जो खेल में बने रहना जानते हैं, अब आपको तय करना हैकि आप स्टेडियम में बैठकर दूसरों के तालियाँ बजाते हैं या उन लोगों में से हैं जिनके लिए तालियाँ बज रही हैं. उठिए खेलिए औरतब तक खेलते रहिये जब तक आपको वो न मिल जाये जो आप पाना चाहते हैं.

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